वास्तु शास्त्र अनुसार कैश बॉक्स रखने की सही जगह

1.उत्तर दिशा भगवान कुबेर द्वारा शासित है और यह करियर, स्वास्थ्य और धन के लिए बहुत शुभ है। उत्तर दिशा समग्र वित्तीय विकास को प्रभावित करती है और उत्तरी ध्रुव से अधिकतम सकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जन करती है। उत्तर दिशा में निधिकोष और कैश बॉक्स रखना व स्थापित करना वित्तीय वृद्धि और समृद्धि के लिए बहुत शुभ होता है।

2.निधिकोष/कोषागार कक्ष का दरवाजा हमेशा उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। ट्रेजरी रूम का दरवाजा कभी भी दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम या दक्षिण में नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे वित्तीय नुकसान होता है।

3.निधिकोष/कोषागार कक्ष का स्थान कभी भी किसी कमरे के नीचे नहीं होना चाहिए क्योंकि यह शुभ नहीं होता है।

4.निधिकोष/कोषागार कक्ष के लिए दो चौखटों वाला/दो फ्रेम वाला एक ही दरवाजा होना चाहिए, जो बहुत शुभ होता है, और निधिकोष के पूर्व या उत्तर दिशा में एक छोटी सी खिड़की होनी चाहिए।

5.कोषालय के लिए काले, लाल या नीले रंग की पेंटिंग का सुझाव नहीं दिया जाता।

6.निधिकोष/कोषागार की पीली रंग की दीवारें निवासियों या मालिकों के धन में वृद्धि करती हैं।

7.निधिकोष/कोषागार केवल चौकोर या आयत के आकार का होना चाहिए।

8.निधिकोष/कोषागार का द्वार उसके फ्लोर लेवल से कम से कम डेढ़ से दो इंच ऊपर होना चाहिए। निधिकोष के लिए द्वार पहरा या चौखट या दहलीज होनी चाहिए।

9.निधिकोष/कोषागार में टाइल्स लगाने की स्थिति में वह सफेद या पीले रंग की होना चाहिए और उसकी ताक दक्षिण दीवार में होनी चाहिए। ट्रेजरी शेल्फ को किसी बीम के नीचे नहीं रखना चाहिए।.

10.निधिकोष/कोषागार की अलमारी या पेटी को किसी शुभ दिन और समय पर ही रखना चाहिए।

11.उत्तर पूर्व में स्थित निधिकोष/कोषागार से धन की हानि होती है; दक्षिण में यह अवांछित खर्चों का कारण बनता है; दक्षिण-पश्चिम में कभी भी धन की बचत नहीं होती; और उत्तर-पश्चिम में चोरी सहित कई खर्चे भी हो जाते हैं।

13. निधिकोष/कोषागार कक्ष के सामने देवी/देवता की कोई तस्वीर नहीं होनी चाहिए; पूर्व या पश्चिम दिशा तक में भी नहीं।

14. किसी भी सामान या वास्तु को कोषागार में रखने की अत्यावश्यकता की स्थिति में इन्हें शेल्फ के नीचे रखा जाना चाहिए, और किसी भी हाल में मुख्य शेल्फ पर नहीं रखा जाना चाहिए।

15. कोषागार/कोषागार के ऊपर कोई नकद या सिक्के नहीं रखे जाने चाहिए।

16. बैंक के लॉकरों का स्थान उत्तर दिशा में होना चाहिए और निधिकोष/कोषागार का दरवाजा उत्तर दिशा में ही होना चाहिए।

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